की गोलियां निगल लीं। कुछ देर बाद परिजनों ने छटपटाते देखा तो माजरा
मालूम चला। हकबकाए परिजनों ने देहलीगेट पुलिस को फौरन खबर दी। घंटेभर तक
परिजन पुलिस के इंतजार में ही बैठे रहे। बाद में जुगाड़ करके उसे जेएन
मेडिकल कालेज ले गए। वहां डॉक्टरों ने मृत करार दिया। परिजनों का आरोप है
कि मृतक की पत्नी ने घर के सभी सदस्यों को दहेज प्रताड़ना के आरोप में
फंसा दिया है। उसी से आहत होकर युवक ने खुदकुशी कर ली। बड़े भाई ने मृतक
की बदायूं निवासी पत्नी, सास, ससुर और साले-साली के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई
है।
मोरनी वाला पेच निवासी द्वारिका प्रसाद ने अपने छोटे बेटे तरुण की पिछले
साल 23 नवंबर को बदायूं निवासी प्राची उर्फ पारुल से शादी की थी। तरुण
यहां खैर रोड पर मेडिकल स्टोर चलाता था। आर्थिक स्थिति अच्छी होते हुए भी
मियां-बीवी के बीच अनबन होने लगी। बताते हैं कि पखवाड़ेभर पहले भी उनमें
झगड़ा हुआ था। तभी पारुल अपने मायके चली गई। तरुण घरेलू कलह से खासा
परेशान था। उधर, पारुल ने अपने पति, सास, ससुर समेत बाकी परिजनों पर दहेज
मांगने का आरोप लगाते हुए बदायूं में मुकदमा दर्ज करा दिया।
बड़े भाई तुषार अग्रवाल की मानें तो बदायूं से छह जून को एक दरोगाजी आए
थे। रिपोर्ट लिखने के बारे में उनसे ही सूचना मिली। तरुण को और भी आघात
लगा। रविवार रात तरुण ने सल्फास की कई गोलियां निगल लीं। उसकी अचानक जब
हालत बिगड़ी तो परिजनों को खबर लगी। भाई तुषार ने रात करीब साढ़े 10 बजे
देहलीगेट थाना पुलिस को घटना की सूचना दी। रात करीब डेढ़ बजे तुषार अपने
भाई को लेकर जेएन मेडिकल कालेज पहुंचा। यहां उसे मृत करार दिया गया।
तुषार ने बदायूं निवासी पारुल उर्फ प्राची, उसके पिता, मां, भाई व बहन के
खिलाफ देहलीगेट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। तुषार ने कहा है कि उसके
भाई ने इसलिए सुसाइड किया, क्योंकि उसकी पत्नी ने सभी के खिलाफ झूठा दहेज
प्रताड़ना का मुकदमा लिखा दिया था।
उधर, देहलीगेट थाने के एसआई विनोद कुमार ने बताया कि तरुण की जेब में एक
सुसाइड नोट निकला है। इसमें लिखा है कि पत्नी ने 12 लाख रुपये मांगने का
झूठा मुकदमा लिखाया है। इसमें मौत के लिए पत्नी के परिजनों को जिम्मेदार
ठहराया गया है।
Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_5531220_1.html
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